दोस्तों सभी जानते हैं कि राधा रानी यानी कि राधा भगवान श्री कृष्ण जी की प्रिया है, और श्री कृष्ण जी राधा के बिना अधूरे है, लेकिन सभी को यह भी पता है कि भगवान श्री कृष्ण जी का विवाह राधा जी से नहीं बल्कि रुक्मणी से हुई थी, लेकिन आखिर ऐसा क्यों हुआ, कि कृष्ण जी और राधा जी के प्रेम के बावजूद भी श्री कृष्ण जी का विवाह राधा जी से न होकर रुक्मणी से हुआ। और एक और बात की श्री कृष्ण जी का विवाह रुक्मणी से हुआ तो राधा जी किसका अवतार है। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि राधा और रुक्मणी किसका अवतार है, और भगवान श्री कृष्ण जी ने राधा से विवाह न कर रुक्मणी से विवाह क्यों किया। तो चलिए बिना किसी देरी के आगे बढ़ते हैं।
श्री कृष्ण जी ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया
दोस्तों इससे पहले कि हम आपको राधा जी और रुक्मणी के अवतार के बारे में बताएं, उससे पहले आप यह जान ले की आखिर राधा जी से प्रेम करने के बावजूद भी श्री कृष्ण जी ने राधा से विवाह न कर कर रुक्मणी से विवाह क्यों किया। तो दोस्तों हम आपको बता दें, कि जिस समय श्री कृष्ण जी वृंदावन छोड़कर मथुरा जा रहे थे, तब उन्होंने राधा जी से वापस उनके पास लौट कर आने का वादा किया था।
लेकिन उसके बाद हुआ ऐसा, की रुक्मणी श्री कृष्ण जी से बहुत ही ज्यादा प्रेम करने लगी, और उन्हें मन ही मन अपना पति मानने लगी। यह बात श्री कृष्ण जी को पता चल चुकी थी, कि रुक्मणी उनसे बहुत ज्यादा प्रेम करती है, और वह उन्हें अपना पति मान चुकी है। इतना ही नहीं, हुआ यह था कि रुक्मणी के इच्छा के विपरीत उनका विवाह किसी और के साथ तय कर दिया गया था, जब यह बात श्री कृष्ण जी को पता चली, तो उन्होंने रुक्मणी से विवाह कर लिया। यही कारण है कि श्री कृष्ण जी ने राधा जी से विवाह न कर कर रुक्मणी से विवाह किया। इतना ही नहीं, कहा जाता है कि श्री कृष्ण और राधा के बीच का जो प्रेम था वह आध्यात्मिक था, जो की सबसे परे था। राधा जी कृष्ण जी को उसी प्रकार प्रेम करती थी, जिस प्रकार से एक भक्त भगवान से करता है। इसलिए दोनो का विवाह नहीं हुआ।
राधा और रुक्मणी किसका अवतार है?
दोस्तों अगर बात करें राधा और रुक्मणी किसका अवतार है, तो हम आपको बता दें कि कई लोगों का मानना है कि राधा जी लक्ष्मी माता का अवतार है, तो अब बात यह आती है कि अगर राधा जी माता लक्ष्मी का अवतार है, तो भगवान श्री कृष्ण जी को राधा जी से विवाह करना था, लेकिन उन्होंने रुक्मणी से विवाह क्यों किया। तो दोस्तों हम आपको बता दें कि राधा जी और श्री कृष्ण जी का जो प्रेम था, वह आध्यात्मिक प्रेम था, ना कि शारीरिक प्रेम। राधा चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
हम आपको बता दे की राधा जी को भगवान श्री कृष्ण जी की आत्मा, और वही रुक्मणी को देह माना जाता है। इसी के साथ कहा जाता है की रुक्मणी माता लक्ष्मी का ही अवतार है, और यही वजह है कि भगवान श्री कृष्ण जो कि विष्णु जी का एक अवतार है, उन्होंने माता लक्ष्मी के रूप में रुक्मणी से शादी की। इतना ही नहीं माना जाता है कि रुक्मणी के साथ-साथ राधा जी भी मां लक्ष्मी का ही अंश थी, यानी कि श्री कृष्ण जी ने राधा जी के रूप में ही रुक्मणी से विवाह किया था। यानी कि रुक्मणी और राधा एक ही है अलग नही।
राधा जी का विवाह किसके साथ हुआ?
अगर कृष्ण जी का विवाह राधा जी से न होकर रुक्मणी से हुआ, तो अब सवाल यह उठता है कि राधा जी का विवाह किससे हुआ था? तो दोस्तों हम आपको बता दें कि राधा जी का विवाह यशोदा माता के सगे भाई रायाण गोप से हुआ था जो कि रिश्ते में भले ही श्री कृष्ण जी के मामा लगते थे, लेकिन वह गोलोक जो कि श्री कृष्ण जी और राधा जी का परमलोक है, वहां वह श्री कृष्ण का ही एक अंश है, यानी कि जिस प्रकार से श्री कृष्ण जी ने राधा जी के अंश के रूप में रुक्मणी से शादी की थी, उसी तरह राधा जी ने भी श्री कृष्ण जी के अंश के रूप में यशोदा माता के सगे भाई रायाण गोप से विवाह किया था। इतना ही नहीं गर्ग संहिता में हमें राधा जी के विवाह के वर्णन में देखने को यह भी मिलता है कि वृंदावन में स्वयं ब्रह्मा जी ने ही राधा और कृष्ण का विवाह करवाया था।
Conclusion
तो उम्मीद है आपको अब पता चल गया होगा कि राधा और रुक्मणी में क्या अंतर है, और ये दोनों किसका अवतार है, कुल मिलाकर बात यह है कि दोनों एक ही अंश है, जहां एक कृष्ण की आत्मा है, तो दूसरा उनका शरीर जहां राधा और रुक्मणी दोनों ही माता लक्ष्मी के अवतार हैं।